हल्दी के गुप्त उपाय SECRET REMEDIES OF TURMERIC

हल्दी 
TURMERIC

आज कल की इस चुनौतीपूर्ण और आधुनिक जीवनशैली में हम एक स्वास्थ और सकारात्मक जीवन जीने का तरीके खोजने में लगे रहते है।जो हमे एक साथी या मार्गदर्शक की तरह सही दिशा में ले जाय। आज हम एक ऐसे ही लाभदायक गुणकारी और प्राकृतिक पदार्थ के बारे में जानेंगे जो हमे और हमारे स्वास्थ को  आसान तरीके से सही दिशा में ले जा सकता है। इस पदार्थ का नाम है हल्दी जिसने अपने अद्भुत, शक्तिशाली गुणों से अपनी विशेष पहचान बनाई है। 

हल्दी जिसे विज्ञानीक भाषा में " कुरकुमा लॉगा" नाम से जाना जाता है। एक प्राकृतिक पदार्थ है जिसका गहरा पीला रंग इसकी पहचान है।हल्दी का सबसे आम इस्तेमाल मसाले के रूप में भोजन में किया जाता है ।लेकिन ये आयुर्वेदिक वैद्यों द्वारा प्रथमोपचार और दिनचर्या में भी शामिल किया जा चुका हैं।

हल्दी का प्रमुख प्रभाव इसमें पायजाने वाले "कुरकुमीन" नामक योगिक से प्राप्त होते है।जिसमे विशिष्ट और उपयुक्त खाद्य को जन्म देने की और विषैले तत्त्व को जड़ से मिटाने की क्षमता होती है। साथ ही हल्दी में एंटीऑक्सीडेट और एंटी–एफ्लेमेंटरी गुण पाए जाते है जो शरीर को आपातकालीन स्तिथि से लड़ने की क्षमता प्रदान करता है।

हल्दी का इस्तेमाल और नियमित सेवन शरीर के विभिन्न क्षेत्रों में प्रमुख भूमिका निभाता है।यह पाचन प्रणाली को सुधारने में सहायता करता है।त्वाचा को निखरता है ।और स्वास्थ को सुधारता है।और रोगप्रतिकर शक्ति को बढ़ाता है। जिस से हम बीमारियों से दूर रहते है।
हल्दी के गुप्त उपाय
SECRET REMEDIES Of TURMERIC

स्वास्थ और सेहत की देखभाल में आयुर्वेद के गहरे और सम्पूर्ण ज्ञान की महत्त्वेपूर्ण भूमिका रही है।हमारे प्राचीन व्यद और चिकित्सक ने हमे ये सिखाया की हल्दी के गुप्त उपाय सेहत को स्वस्थ और बीमारियों से सुरक्षित रखने में मदद कर सकते है।

1)हल्दी का दूध:– रात में सोते समय गर्म दूध में 1 से 4 छोटे चम्मच हल्दी मिलाकर पीने से शरीर की रोगप्रतिरक्षा शक्ति मजबूत बनती है।

2)हल्दी की चाय:– नियमित रूप से हल्दी की चाय पीने से पाचन प्राणली में सुधार आता है।और खून का प्रवाह अच्छे से होता है।

3)हल्दी का तिलक:– हल्दी का तिलक मस्तीस्क की क्रियाशीलता को बढ़ावा देता है।साथ ही मानसिक स्वास्थ को भी सुधरता है।

4)हल्दी और शहद :–हल्दी को शहद के साथ मिलाकर खाने से सिरदर्द और गर्मी की समस्या से आराम मिलता है।

5)जुकाम और गले की खराश:– दूध में थोड़ी सी हल्दी मिलाकर पीने से गले की खराश और जुकाम से राहत मिलती है।

6) हल्दी का मुख्याभ्यांग:–हल्दी को दही  और शहद के साथ मिलकर चहरे पर लगाने से त्वचा को चमक और निखर मिलता है। 

 7)हल्दी से गरारे:– हल्दी को पानी में मिलाए और उस पानी से गरारे करे यह गले की समस्या जैसे सूजन, दर्द और खराश से राहत देता है ।

8)हल्दी की ताजगी:–योग्य मात्रा में हल्दी का उपयोग खाने में करने से कई सारे सेहत को फायदे पोहचाता है साथ ही पाचन क्रिया को सरल।और मजबूत बनाने में मदद करता है।

9) एंटीबैक्टीरियल और एंटीसेप्टिक गुण:– हल्दी में काफी ज्यादा मात्रा में एंटीबैक्टीरियल और एंटीसेप्टिक गुण पाए जाते है जो चोट और घाव को बैक्टेरिया और फंगस से बचाती है और जल्दी ठीक करने में सहायता करती है।

10) आखों की सुरक्षा:– हल्दी में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेट अखो की सुरक्षा के लिए काफी लाभदायक होते है।ये आखों की रोशनी बनायरखने में लाभदायक हो सकते है।और आखों से संबंधित समस्याओं को कम कर सकते है। 


हल्दी दूध के फायदे 
BENEFITS OF TURMERIC MILK

1) प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेट:– हल्दी दूध में मौजूद हल्दी और दूध के मिश्रण में एंटीऑक्सीडेट गुण होता है।जो शरीर के विषूल्कण को रोकने में मदद करता है।साथ ही ये शरीर के कई बैक्टीरिया, विषाणु के खिलाफ जंग लड़ने में मदद करता है।और सामान्य स्वास्थ को बनाए रखता है।

2) मानसिक तनाव को कम करना :– हल्दी दूध में पाए जाने वाला कुरकुमीन एक प्राकृतिक एंटीडिप्रेसेंट है। जो मानसिक तनाव कम करने में लाभकारी है।ये मानसिक स्थिरता को बढ़ाता है जिस से आत्मविश्वास बढ़ने में मदद मिलती है।

3) डायबेटिस के नियंत्रण में मदद:– हल्दी में पाए जाने वाले एक्टिव योगिक कुरकूमीन खून में मौजूद शुगर को की मात्रा को नियंत्रित करने में मदद कर सकती है। इसी कारण हल्दी के दूध के नियमित सेवन से डायबिटीस के खतरे को कम किया जा सकता है।

4)रोगप्रतिकारक शक्ति में सुधार:– हल्दी दूध में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेट और विटामिन सी शरीर की रोगप्रतिकरक शक्ति और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूती प्रदान करते है।यह बीमारियों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाता है।

5) हृदय स्वास्थ :– हल्दी दूध में एक्टिव यौगीक कुरकुमीन मौजूद होते है जो हृदय स्वास्थ को सुधारने में मदद करते है। साथ ही ये हृदय संबंधित समस्याओं को कम करने में सहायता कर सकते है।

 6)आंत्र की मजबूती :– हल्दी दूध में पायजाने वाले एंटीऑक्सीडेट्स और एंटी–इंनफ्लेमेंटरी गुन आंत्र के स्वास्थ को मजबूती प्रदान करते है।यह आंत्र की सूजन की समस्या को कम करता है। और आंत्र के स्वास्थ को सुरक्षित रखता है।


हल्दी वाला दूध किसे नहीं पीना चाहिए 
WHO SHOULD NOT DRINK TURMERIC MILK

हल्दी दूध हमारे स्वास्थ के लिए अनगिनत फायदे लता है।लेकिन क्या आप जानते है।कुछ विशेष अवस्था और परिस्थितियों में हल्दी वाला दूध नहीं पीना चाहिए? यह एक आयुर्वेदिक सुपर्ड्रिंक हो सकता है। लेकिन कुछ लोगो के लिए यह नुकसानदायक हो सकता है। हम आपको बताएंगे हल्दी वाला दूध किसे नहीं पीना चाहिए जिस से आप स्वास्थपूर्ण निर्णय ले सके।

 1)लैक्टोज इंटोलरेंस:– जिन लोगो को लैक्टोज इंटोलरेंस (दूध के अवशोषण) की समस्या होती है। उन लोगो को हल्दी वाले दूध का सेवन नहीं करना चाहिए ।क्योंकि दूध के अवशोषण शरीर में समस्या पैदा कर सकती है। 

 2) एलर्जी:– हल्दी वाले दूध में पाए जाने वाले किसी भी घटक से एलर्जी हो सकती है।जिस से खुजली, त्वाचा का लाल होना, सास लेने में तकलीफ जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है।ऐसी स्तिथि में एलर्जी वाले लोगो को हल्दी मिश्रित दूध के किसी भी पदार्थ के सेवन से बचना होगा।

 3) पाचन संबंधित समस्या:– जिन लोगो को पाचन संबंधित समस्या होती है उन लोगो को हल्दी के दूध की जगह अलग पर्याय जो पाचन में मदद करे ऐसे आहार को अपनाना चाहिए।

निष्कर्ष:–
हल्दी वाले दूध का सेवन करने से पहले हमे यह सुनिश्चित करना चाहिए की हमारी स्वास्थ को स्तिथि और आवश्यकता के हिसाब से ये वाकई में संगत है।सभी के लिए हल्दी का दूध एक प्राकृतिक सुपर्ड्रिंक हो सकता है। लेकिन निश्चित रूप से हर किसी के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता इस बात पर अवश्य ध्यान देना चाहिए।


हल्दी से पिंपल हटाने के उपाय
REMEDIES TO REMOVE PIMPLE WITH TURMERIC 

सुंदर और खिलखिलाती त्वाचा और दमकता खुशहाल चेहरा हमारे आत्मविश्वास को बढ़ावा देता है ।लेकिन पिंपल और मुंहासे त्वाचा की सुंदरता को कम कर सकते है। हमेशा त्वाचा के साथ कोई परेशानी अवश्य होती है ।यदी कोई व्यक्ति पिंपल और मुंहासे की समस्या से परेशान है तो उन्हें हल्दी की शक्ति से हटाया जा सकता है। हम आप को हल्दी के उपयोग से पिंपल हटाने के प्रभावी और गुणकारी उपाय बताएंग

1) हल्दी और नींबू का पेस्ट :– हल्दी और नींबू का पेस्ट बनाकर उनको पिंपल या मुंहासे पर लगाने से समस्या कम हो सकती है।साथ ही त्वाचा का निखार बढ़ सकता है।

2)हल्दी और दही का मास्क:– हल्दी और दही का मास्क त्वाचा को पोषण प्रदान करता है।साथ ही पिंपल को कम करने में मदद कर सकता है।

3) हल्दी और गुलाबजल:–हल्दी और गुलाबकाल का मिश्रण त्वाचा को ठंडक और शांति प्रदान करता है।और पिंपल की समस्या को दूर करने में मदद करता है।

हल्दी त्वाचा के लिए हम सोच भी नही सकते इतनी लाभदायक है।और इसका इस्तेमाल पिंपल की समस्या से निपटने में किया जा सकता है।यदी कोई व्यक्ति पिंपल की समस्या से परेशान है तो हल्दी के ये प्राकृतिक उपाय उनकी सहायता कर सकते है ।

कृपया ध्यान दे:– इस ब्लॉग पोस्ट के उपाय सामान्य सूचना उद्देश्य से है।इसी लिए इसे व्यवसायिक चिकित्सा परामर्श की जगह नहीं देखा जाना चाहिए। 


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