''यूरिक एसिड की रामबाण दवा''MEDICINE FOR URIC ACID''

''यूरिक एसिड की रामबाण दवा''

 ''MEDICINE FOR URIC ACID''

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यूरिक एसिड एक आम  समस्या है। यूरिक एसिड मूत्राशय में ना जरूरी पदार्थ की शकल में जमा होता है। यूरिक एसिड की समस्या सामान्यतः शरीर में अधिक मात्रा में यूरिक एसिड उत्पादन  या मूत्रल्पता के कारन होती है। यूरिक एसिड की समस्या से शरीर के जोड़ घुटने ,टखने ,बटुए  जैसे सभी जोड़ में जमा होता है। जिस से जोड़ो में सूजन  दर्द की समस्या जन्म ले लेती है।

 यूरिक एसिड

 URIC ACID 

     यूरिक एसिड शरीर में मौजूद महत्वपूर्ण  प्रोटीन में से एक प्रोटीन है जो पुरीन नाम के एमिनो एसिड के मेटाबोलिज्म के दौरान शरीर में जन्मे लेता है। यूरिक एसिड प्रमुखता से पुरीन पदार्थो के सेवन से उत्पन्न होता है। मसूर की दाल ,मटर ,मूली ,बैगन ,गोभी , मेथी , अनानास और अंगूर जैसे खाद्य पदार्थ पुरीन खाद्य पदार्थ के सूची में शामिल है।

     साथ ही यूरिक एसिड का प्रमुख स्रोते  शरीर में सूजन के माध्यम से खून से निकलने वाले पुरीन रहते है। शरीर में यूरिक एसिड की अनुकूलता और व्यवस्थापन अनिवार्य है जिस से यूरिक एसिड शरीर में सामान मात्रा में बनी रही जो शरीर  के स्वस्थ के लिए उपयुक्त साबित हो सके। यदि किसी किसी भी कारन से यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ती है तो यही उपयुक्त यूरिक एसिड किडनी स्टोन (पथरी), गठिया , जोड़ो में सूजन , जैसी दर्दनाक समस्या का सामना करा सकता है साथ ही यूरिक एसिड नियंत्रण से जुडी अन्य समस्या का कारन बनता है।

     यूरिक एसिड के लक्षण काफी दर्द भरे है जैसे जोड़ो में दर्द और सूजन , पिंडली के स्तर में गिरावट ,गुर्दे में पथरी , यूरीन वसर्जन  के समय दर्द  इन लक्षणों के अलावा यूरिक एसिड के अनियंतीत स्तर से आंत , गुर्दा ,दिल ,ब्रेन (भेजा) जैसे शरीर के महत्वपूर्ण हिस्से में संक्रमण की समस्या होने की अधीक सम्भावना होती है।शरीर में यूरिक एसिड के संतुलन को बनाय रखने के लिए हमें स्वस्थ और नियमित जीवनशैली को अपनाना चाहिए।

     यूरिक एसिड की मात्रा को कम करने के लिए  पुरीन युक्त पदार्थो के सेवन की मात्रा में कमी लानी चाहिए और प्रोटीन की अधिक मात्रा के सेवन से बचना चाहिए। नियमित शारीरिक गतिविधियों का समर्थन  पानी का अधिक मात्रा में सेवन और  अल्कोहल और निकोटीन के सेवन से बचना यूरिक एसिड के स्तर को संतुलित बनाये रखने में काफी  लाभकारी है। 

यूरिक एसिड के लक्षण

SYMPTOMS OF URIC ACID

यूरिक एसिड का स्तर शरीर में सीमित मात्रा में बने रहना काफी महत्वपूर्ण है। लेकिन यूरिक एसिड के स्तर में अनियमितता या उतारचढ़ाव की समस्या हो तो इन लक्षणों का सामना करना पड़ सकता है। यूरिक एसिड के स्तर की मात्रा पहचानने के लिए इन लक्षणों की जांच करना अत्यन्त महत्वपूर्ण है।

1) सूजन और दर्द :- यदि शरीर में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ जाता है तो शरीर के अंगो जैसे जोड़ो , मस्पेसिया , पिण्डलिया , उंगलिया, में सूजन और दर्द की समस्या हो सकती है। ये दर्द सामान्यता जोड़ो (जॉइंट्स) में अधिक मात्रा में महसूस होता है और इस अवस्था को मेडिकल भाषा में गठिया नाम से जाना जात है।

2) किडनी स्टोन (पथरी):- यूरिक एसिड के उच्च स्तर से पुरीन गिरने लगते है यही गिरते पुरीन गुर्दे में जमा हो जाते है या होते रहते है। और यही पुरीन कुछ समय में पथरी की शकल ले लेते है। किडनी में पथरी की समस्या होने से यूरीन विसर्जन में पीड़ा या तकलीफ का सामना करना पड़ता है। साथ ही पेट में दर्द की समस्या हो सकती है।

3) गुर्दे में संक्रमण :- यूरिक एसिड के बढे हुवे स्तर से गुर्दे में जमा हुवे पुरीन गुर्दे में संक्रमण की समस्या को जन्मे दे सकते है जिस से गूरदे की कार्येप्रणाली पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

4) यूरीन संक्रमण :- शरीर में बढ़ते उच्च यूरिक एसिड के स्तर से किडनी पर नकरात्मक प्रभाव पड़ता है जिस से मूत्र प्रणाली पर यूरिक एसिड के रासायनिक गुणों का प्रभाव पड़ता है जो यूरीन में संक्रमण की समस्या उत्पन्न कर सकती है। यूरीन विसर्जन के समय दर्द ,तिड़क , और थकान महसूस हो सकती है।

5) त्वचा में समस्या :- यूरिक एसिड के बढ़ते स्तर से त्वचा पर दाने ,रेशे ,खरोच ,और खुजली जैसी परेशानी होती है। ये समस्या विशेषतः उंगलियों की बिच वाली जगह पर और टैंगो पर होती है।

6)आंत की समस्या :- यूरिक एसिड के उच्च स्तर से आंतो में दर्द ,पेट में दर्द गैस और अपचन जैसी समस्या हो सकती है। इन सभी करने से कब्ज की समस्या भी जन्म ले सकती है।

7) दिल की समस्या :- यूरिक एसिड के बढे हुवे स्तर के कारन हृदय से जुडी समस्या का सामना करना पड़ता है। इस से हृदय पक्षघात , रक्तदाब ,और हृदय सम्बन्धी अन्य समस्या भी जन्मे ले सकती है।

8) नींद में बाधा:- यूरिक एसिड के उच्च स्तर से नींद में बाधा की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। जिस कारन अगले दिन की गतिविधियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने के साथ आखो में जलन सर दर्द जैसी परेशनिया दिन भर परेशां करेगी

9)पैर :- यूरिक एसिड के उच्च स्तर से पैरो में दर्द ,सूजन, और तलवो में जलन की समस्या होती है जो काफी दर्द से भरी और असहनीय होती है। इस समस्या के चलते मरीज का चलना फिरना बंद हो सकता है।

अगर हमें शरीर में ये लक्षण महेसुस हो रहे है तो जल्द से जल्द डॉक्टर से समस्या के समाधान पर बात करे। उच्च यूरिक एसिड को समय रहते पहचानना और योग्य उपचार करना समस्या को सँभालने के लिए और कण्ट्रोल में लेन के लिए जरूरी है।

यूरिक एसिड को जड़ से खत्म करने के उपाय

WAYS TO ELIMINATE URIC ACID FROM THE ROOT

1)अधिक मात्रा में पानी का सेवन :-पानी यूरिक एसिड के स्तर को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यूरिक एसिड खात्म करने के लिए हमें प्रतिदिन कम से कम 8 से 10 गिलास पानी पिना है इतनी मात्रा में पानी पिने से शरीर में होने वाली विषाक्त प्रक्रिया में सुधर होता है जो यूरिक एसिड की मात्रा को नियत्रित करता है। यह सबसे सरल और प्रभावी तरीका है।

2)सेब सिरके का सेवन :- सेब के सिरके में मौजूद मालिक एसिड की उच्च मात्रा यूरिक एसिड की बड़ी हुवी मात्रा को नियंत्रण में लाने के लिए मदत करता है। साथ ही विशेषतः यूरिक एसिड की समस्या को खत्म करने के लिए फायदेमंद माना गया है। रोजाना 1 चम्मच सेब के सिरके को पानी में मिला कर खाली पेट पिने से यूरिक एसिड के स्तर में कमी होगी और कुछ दिनों में इसका स्तर नियंत्रण में आ जायगा

3)तुलसी की पत्तिया :- तुलसी में एंटीऑक्सीडेट के गुणों की भरमार होती है। जो यूरिक एसिड के स्तर को नियंत्रीत करने में मदत करती है। इसके लिए हमें तुलसी के रस को पानी में मिलकर नियमितता से पीना होगा

4)निम्बू पानी :- निम्बू पानी में मौजूद विटामिन की उच्च मात्रा यूरिक एसिड के बढे हुवे स्तर को नियंत्रित करने में मदतगार साबित होते है। इस के लिए हमें गरम पानी में निम्बू और जरूरी हो तो थोड़ा गुड़ या शहेद मिलकर नियमित सेवन करे।

5)त्रिफला चूर्ण:- त्रिफला चूर्ण का नियमित सेवन यूरिक एसिड के स्तर को नियंत्रित करने में मदत कर सकता है। ये आयुर्वेदिक दवा है जिसमे वृद्धि ,शुद्धी ,बल्ली नमक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है जिसे निम्बू पानी में मिलाकर सेवन करने से यूरिक एसिड के स्तर को नियंत्रित किया जा सकता है।

6)गिलोय का रस:- गिलोय का रस युरिक एसिड का स्तर नियंत्रण में रखने में मदत करता है। यूरिक एसिड की समस्या से निजात पाने के लिए गिलोय के रस को रोजाना पानी में मिलकर पिए

7) अधिक प्रोटीन से बचे :- प्रोटीन हमारे शरीर के लिए महत्वपूर्ण पोषक तत्व में से एक है। लेकिन अधिक प्रोटीन से भरे पदार्थो का सेवन करने से बचे। क्योंकी प्रोटीन में पुरीन की मात्रा होती है जो यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ा सकती है। हम प्रोटीन युक्त आहार के जगह सोया ,मटर ,मुंग ,दलीय ,और दूध जैसे पदार्थो का सेवन कर सकते है।

8) संतुलित आहार :- संतुलित आहार का सेवन करने से यूरिक एसिड के स्तर को नियंत्रित करने में मदत मिलती है। सब्जिया ,फल, अनाज, हरी वनस्पति और पत्तेदार सब्जियों का उपयोग कर सकते है। हमें खाने में आवश्यक पोषक तत्वे का भी ध्यान रखना चाहिए जिस से शरीर को आवश्यक पोषक तत्व मिल सके।

9)व्यायाम :- योग , प्राणायाम , ध्यान , और सूर्यनमस्कार जैसे व्यायाम का समावेश हमारे दिनचर्या में करने से शरीर के विकास के साथ साथ यूरिक एसिड का स्तर संतुलित होता है। नियमित व्यायाम करने से विशक्ती प्रक्रिया भी बेहतर होती है साथ ही व्यायाम करने से शरीर की कुंडलिनी शक्ति जाग्रित होती है। जिस से यूरिक एसिड का स्तर संतुलित होता है।

10)बढ़ते वजन का ध्यान रखे :- अधिक वजन होने से या बढ़ने से यूरिक एसिड के स्तर में बढ़ोतरी हो सकती है। जिन लोगो को यूरिक एसिड की समस्या है उन लोगो ने अपने वजन को नियंत्रीत रखने से यूरिक एसिड के स्तर में सुधार आता है। इसी लिए संतुलित वजन रखे या जरुरत के हिसाब से वजन घटाए।

ये कुछ आसान और प्रभावित तरीके है जिन से हम यूरिक एसिड को जड़ से खत्म कर सकते है। लेकिन इसके बावजूद यूरिक एसिड की समस्या ज्यादा गंभीर लग रही हो तो इनमे से किसी भी उपाय का प्रयोग करने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य ले

यूरिक एसिड में क्या खाना चाहिए

WHAT TO EAT IN URIC ACID 

फल और सब्जिया :- यूरिक एसिड की समस्या पर मात करने के लिए फल और सब्जीया आहार का मुख्या हिस्सा होना चाहिए। विशेष रूप से विटामिन सी से भरभरपूर होना चाहिए जैसे आवला ,लीची ,जाम , और अंगूर खाना चाहिए साथ ही हरी वनस्पति और हरे पत्ते वाली सब्जीया जैसे पालक ,मेथी , का समावेश आहार में करना चाहिए क्योकी इन में विटामिन सी की काफी उच्च मात्रा होती है जो यूरिक एसिड की मात्रा नियंत्रण करने में काफी सहायता करती  है। 

दाल और अनाज :- दाल और अनाज जैसे की मुंग , अरहर , चना , गेहू , का सेवन करना चाहिए। ये खाद्य पदार्थ अधिक प्रोटीन और आवश्यक पोषक तत्वे से भरपूर होते है। जो यूरिक एसिड की मात्रा को संतुलन करने में मदत करता है

नारियल पानी :- नारियल पानी में पाए जाने वाले विटामिन सी और पोटैशीयम यूरिक एसिड के स्तर को नियंत्रित करने में मदत करता है। इसी लिए नारियल पानी का सेवन नियमित ता से करना  शरीर को और भी लाभ पोहचता है। 

 हरी चाय:- हरी चाय में पाए जाने वाले विटामिन सी और फोलिक एसिड के स्तर को नियंत्रित करने में  मदत करते हैं। साथ ही हरी चाय का नियमित सेवन यूरिक एसिड की समस्या से दूर रखता है। 

यूरिक एसिड से बचने के लिए ध्यान देने योग्य बाते 

 THINGS TO NOTE TO AVOID URIC ACID 

पूरींन युक्त पदार्थो से बचे :- पुरीन युक्त खाद्य सामग्री का सेवन यूरिक एसिड  का स्तर बड़ी तेजी से बढ़ाता है। अधिक मात्रा में मांस, मछली, अंडे , दाल , बिन्स , चावल और खरगोश का सेवन करने से बचे। 

सैफ्रिन युक्त  दवाओं का कम सेवन करे:- कुछ दवाओं में सैफ्रिन होता है जो यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ा सकते है। अगर कोई यूरिक एसिड से पीड़ित है तो किसी भी दवा का सेवन डॉक्टर की सलाह पर ही करे 

शराब और तम्बाकू का सेवन कम करे :- शराब और तम्बाकू का सेवन  शरीर में युरीक एसिड की  मात्रा को बढ़ा सकता है। साथ ही ये मानवी स्वस्थ के लिए हानिकारक है। अगर कोई व्यक्ति यूरिक एसिड की समस्या से जूझ रहा है इस सूरत में  इन हानिकारक पदार्थो का सेवन तुरंत बंद करे और स्वस्थ जीवनशैली अपनाय 

पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करे :- पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन यूरिक एसिड के स्तर को नियंत्रित करने में मदत करता है। इस के लिए कम से कम 8 से 10 गिलास पानी प्रति दिन पिने की आवश्यकता है 

यूरिक एसिड के  नियंत्रित करने के लिए आहार और स्वस्थ जीवनशैली में सावधानिया रखना आवश्यक है। 

यूरिक एसिड के लिए निम्बू 

LEMON FOR UREEC ACID 

विटामिन सी का भरपूर स्त्रोत :- निम्बू विटामिन सी का एक अच्छा स्त्रोत है. जो यूरिक एसिड को कम करने में लाभदायक है। वीटामीन सी की प्रखर मात्रा के कारन यूरिक एसिड का स्तर  निम्बू कम कर सकता है।  निम्बू के सेवन से गठिया जैसे बिमारीयो  के खतरे को कम किया जा सकता है  

यूरिक एसिड की मात्रा को कम करने में मदत :- निम्बू के  रस में मौजूद विटामिन सी  और विटामीण बी यूरिक एसिड के बढे हुवे स्तर को कम करने में मदत करता है साथ ही इन विटामिन की मदत से यूरिक एसिड को बहार निकलने में मदत मिलती है। 

पाचन प्रक्रिया में सुधर :- निम्बू का नियमित सेवन पाचन प्रक्रिया को सुधरता है इसमें पाए जाने वाले विटामिन्स और पोषक्तत्व पाचन की प्रक्रिया को सुधरते है. अच्छी पाचन प्रक्रिया शरीर से विषैले पदार्थो को निकालने में सहायक होती है। जिस से यूरिक एसिड का स्तर कम होने की सम्भावना अधिक होती है

अमोनिया के स्तर को घटने में सहायक :- निम्बू में विटामिन सी प्रखर मात्रा में पाया जाता है जो शरीर से अमोनिया के स्तर को कम करने में मदत करता है। यूरिक एसीड को उत्पन्न करते समय शरीर अमोनिया का उपयोग करता है। निम्बू में पाए जाने वाले विटामिन  सी के इस्तेमाल से शरीर अमोनिया की मात्रा को कम करता है। इसी लिए निम्बू का नियमित सेवन यूरिक एसिड को कम करने में लाभ दायक है। 

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