EYE FLUE आखो का फ़्लु

 EYE FLUE
आई फ़्लु
हम सब जानते है आँखे हमारे शरीर के लिए कितनी महत्वपूर्ण है। आखो की सही देखभाल शरीर और स्वास्थ के लिए  अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके बावजूद  हम अक्सर आँख की सेहत और देखभाल पर बिल्कुल ध्यान नहीं देते 
आखो का फ़्लु इसे मेडिकल भाषा में "कोजक्टिवाइटिस " नाम से जाना और पुकारा जाता है ये आखो की संक्रमण की समस्या है। इस समस्या में आखो के सफ़ेद भाग में लाली और सूजन ,पुतलियों में दर्द रहता है ये बीमारी सामन्यतः वायरस और बक्टेरिया के कारन होती है और एक इंसान से दूसरे इंसान में आसानी फ़ैल सकती है। 
आज हम इस ब्लॉग में आई फ्लू  के लक्षण ,कारन  और बचाव के बारे में जानेगे। ताकि हम इस रोग को सही समय पर और समय रहते पहचान सके और सही इलाज कर सके आइये जानने का प्रयास करते है आई फ़्लु होता क्या है। और हम इस से कैसे बच सकते है। 

TYPES OF EYE FLUE 
आई फ्लू के प्रकार  

1)वायरल आई फ्लू:- वाइरल आय फ्लू जिसे कोजक्टिवाईटिस के नाम से भी जाना जाता है ये एक संक्रामक रोग है जो वायरस के कारन होता है। ये संक्रमण आखो की सातह  पर होता है।इस से आखो में लालिमा , सूजन ,और आखो से पानी आना जैसी समस्या का सामना करना पड़ता है। 

2) बैक्टेरियल  आई फ्लू :- इसे भी कोजक्टिवाईटिस के एक रूप में जाता है ये संक्रमण बक्टेरिया के कारन होता है। इस में भी आखे लाल होना , आखो में सूजन , खुजली और पानी आने की समस्या होती है। 

3)अलेर्जिक आई फ्लू :- इस प्रकार का आई फ़्लु अलेर्जी के कारन हो सकता है।  इस समस्या में भी आखो में लालिमा , सूजन ,और आखो से पानी आना जैसी समस्या  का सामना करना पड़ता है। 

CAUSE OF EYE FLUE
आई फ्लू के कारन      
1 ) वायरस आई फ़्लु के कारन :-  आई फ़्लु का सबसे आम कारन  वायरस होता है। यह वायरस आखो के पुतली के ऊतकों में संक्रमण पैदा करता है इसी कारन आखो में सूजन , आखे लाल होना , आखो से पानी आना जैसी समस्या हो सकती है।साथ ही ये वायरल संक्रमण होने के कारन एक इंसान से दूसरे इंसान में बड़ी सरलता से फैलता है। जब हम अपनी इन्फेक्टेड आखो को छूकर बिना उन्हें साफ़ किये किसी दूसरे इंसान से हात  मिलते है या उन के संपर्क में जाते है तब संक्रमण आसानी से फैलता है। 

2) बक्टेरिया के कारन :- बैक्टेरियल इन्फेक्शन आई   फ्लू के मुख्या कारनो में से एक कारन है। बक्टेरिया संक्रमण अक्सर आखो के सतह पर  होता है। इस से आखो में सूजन ,लालिमा , और आखो से पानी आने की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। 

3)अलेर्जी :- अलेर्जी भी आखो के संक्रमण का कारन बन सकती है।  आस पास मौजूद किसी भी चीज से आखो को एलेर्जी हो सकती है जिसके कारन आखो में खुजली , सूजन , और लालिमा की परेशानी हो सकती है। 
 
4) संक्रमण बढ़ने के कारन आई फ़्लु:- आखो में संक्रमण ज्यादा मात्रा में बढ़ने के कारन ऑय फ़्लु हो सकता है इसका मुख्या कारन आखो की अच्छे से साफ़ सफाई न रखना या किसी  इन्फेक्टेड व्यक्ति के आखो के संपर्क में किसे भी तरह से ना आना

आई फ़्लु के विभिन्न कारण को समझ  कर हम अपनी आखो की सही देखभाल कर सकते है। 

EYE FLUE SYMPTOM 
आई फ़्लु के लक्षण            
आई फ़्लु के लक्षण अक्सर सामान होते है इन्हे नजर अंदाज नहीं किया जाना चाहिए

1) लाली और सूजन :- आई फ्लू के सबसे प्रमुख लक्षणो में आखो में लाली और सूजन शामिल है।  इस से आखो में आराम नहीं होता इस तकलीफ से दिनचर्या प्रभावित होती है। 

2)आखो से पानी आना :- आई फ़्लु (संक्रमण) के दौरान आखो से पानी आना आई फ्लू का एक आम लक्षण है।  इस से आखो की रोशनी प्रभावित हो सकती है साथ ही आखो की रोशनी के आरामदायकता को कम कर सकता है। 

3) सर्दी खासी:- आई फ्लू की सामस्य के साथ सर्दी और खासी की समस्या भी हो सकती है। ये आखो की संक्रमण के वायरस संकेत के रूप में उत्पन्न हो सकती है। 

4) आखो के आसपास खुजली या जलन :- आखो के पास खुजली जलन और तनाव की समस्या आय फ्लू (संक्रमण) के सामन्य लक्षण है। 

5) सामान्य लक्षण :- आखो में दर्द ,आखो का लाल होना , कुछ समय के लिए आखो से कम दिखाई देना (धुंदली दृष्टी ) ये सब आखो के फ़्लु के सामान्य लक्षण है। 

EYE FLU TREATMENT
आई फ्लू के उपचार   

1) आखो की देखभाल और आराम :- आखो को सही तरीके से आराम दे टीवी और मोबाइल का लगातार इस्तेमाल न करे साथ ही आखो को सही तरीके से साफ़ करे इन्हे धुल मिट्टी और गंदगी से दूर रखे  अगर संक्रमण की समस्या  ज्यादा बढ़ गई है तो धुप में कला चस्मा जरूर इस्तेमाल करे 

2) गरम पानी से सिकाई :- सूजी हुई आखो को गरम पानी में नामक मिलाकर आखो की सौम्यता से सिकाई करने से आखो की सूजन और दर्द कम हो सकता है। 

3) आखो की सफाई (आखो के चारो ओर की सफाई ):- आखो को और आखो के आस पास की जगह को अच्छे से साफ़ रखने से संक्रमण फैलने की सम्भावना काफी कम होती है 

4) वायरल इन्फेक्शन (संक्रमण) के लिए दवा:-वायरल इन्फेक्शन के लिए हमेशा डॉक्टर के परामर्श पर ही दवा का चयन और इस्तेमाल करे डॉक्टर  हमारी आखो की स्तिथी के आधार पर उपचार में उपयुक्त और कारगर दवाई प्रेस्क्राइब कर के देंगे। 

  • सावधानिया
  • आखो को छूने से पहले हात  धोना जरूरी है। 
  • संक्रमित आखो को छूने के बाद हात हैंड वॉश या साबुन से धोए 
  • किसी भी प्रकार के आई फ्लू से पीड़ित व्यक्ति के साथ संपर्क से बचे   
HOW TO AVOID EYE FLU
आई फ्लू से कैसे बचे 

1) हाथ की सफाई :- आई फ़्लुए से बचने के लिए सबसे आसान और महत्वपूर्ण तरीका अपने हातो को बार बार धोना या हातो की सफाई का ध्यान रखना। हातो को  नियमित रूप से धोये और आखो को छूने से पहले और छूने के बाद धोने का अभ्यास करे। 

2) हातो को आखो से दूर रखे :- आई फ्लू  से बचने के लिये हातो का आखो पर कम इस्तेमाल महत्वपुर्णे है। हातो की सही सफाई होने के बावजूद भी आखो को छूने से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। 

3) जरूरी सावधानिया :- आई  फ्लू के वायरस और बक्टेरिया से बचने के लिए हमें जरूरी सावधानिया बरतनी चाहिए जैसे आखो को बार बार छूने से परहेज करनी चाहिए ,आखो की साफ़ सफाई का ध्यान रखना चाहिए ,अन्य लोगो के आखो के संपर्क में बिलकुल भी न आये ,और अपने स्वस्थ का और आखो का ख्याल रखना चाहिए 

4) वायरल इन्फेक्शन से बचाव :- वायरल आई फ्लू से बचने के लिए आखो की सफाई पर ख़ास ध्यान देना चाहिए विशेषता जब हम बहार से आते है तब हातो को धो कर ही आखो को स्पर्श करे और स्पर्श करने के बाद भी हातो  को साबुन या हैण्ड वॉश से धोय  जितना हो सके उतना हात और आँख का संपर्क ना होने दे। 

5)खुद की देखभाल :- खुद की देखभाल इन्फेक्शन से बचने का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है अगर हमें आई फ़्लु के लक्षण महसूस हो रहे है तो बिना देरी किये डॉक्टर से संपर्क करन चाहिए और समय रहते उचित उपचार प्राप्त करना चाहिए 

समापन 
सरल और समाधानकारक उपाय आई फ्लू से बचने के साथ ही स्वास्थ और आखो की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। आखो को परेशानी से बचाने के लिए हमें ये सावधानिया अपनानी चाहिए ताकि आखे हमेशा स्वस्थ और सुरक्षित रहे 

नोट:- आखो के संक्रमण से बचाव का सबसे आसान और अच्छा तरीका एक मरीज का डॉक्टर से परामर्श लेना है। 

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