फैटी लीवर में चावल खाना चाहिए ? IN FATTY LIVER SHOULD EAT RICE?

फैटी लीवर
FATTY LIVER
आज कल फैटी लीवर नामक स्वास्थ समस्या सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रही है ।क्योंकि इस समस्या से परेशान मरीज की संख्या दिन प्रति दिन बढ़ती जा रही है। फैटी लीवर की समस्या को आयुर्वेदिक भाषा में ‘हेपैटिक स्टिटोसिस’ नाम से जाना जाता है।ये एक स्थिती है जिस में लीवर के कोशिकाओं में अधिक मात्रा में चर्बी (फैट) संचय होती है। ये एक स्वास्थ समस्या है जो आज कल सामान्य स्वास्थ समस्या होने लगी है। जो अलग अलग आयु और जीवनशैली के आधार पर लोगो को प्रभावित कर रही है।

लीवर मानवी शरीर में मौजूद अत्यंत महत्त्वपूर्ण अंग है जो विषरस साफ करना ,खाद्य पदार्थों का चयन ,शरीर में पोषण के भंडार की जिम्मेदारी संभालना जैसे कार्य करता है।साथ ही सेहत को स्वस्थ बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

फैटी लीवर की समस्या तब होती है जब लीवर की कोशिकाओं में ट्राईग्लिसराइड्स और चर्बी (फैट) का असामान्य संचय होने लगता है।यह अधिक चर्बी का संचय हमारे लीवर की काम की परिभाषा को भंग कर सकता है। साथ ही लीवर को अपशिष्ट कर सकता है ।

फैटी लीवर के प्रकार 
 TYPES OF FATTY LIVER

फैटी लीवर को दो प्रकारों में विभाजित किया जाता है 

1)नॉन एल्कोहोलिक फैटी लीवर:–ये समस्या उन लोगो में होती है जो शराब का सेवन कम मात्रा में या बिल्कुल भी नहीं करते। ये सामान्यतः मोटापा, टाईप 2 डायबेटिस, उच्च रक्तदाब और उच्च कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्या या अवस्था से जुड़ी हुई होती है।

2) एल्कोहोलिक फैटी लीवर :–यह फैटी लीवर की दूसरे प्रकार की समस्या है जिस में जरूरत से ज्यादा मात्रा में शराब का सेवन करने के कारण लीवर में चर्बी का संचय होता है। ये सामान्य फैटी लीवर से लेकर अल्कोहोलीक हेपोटायटिस जैसी गंभीर स्थिति तक विकारीत कर सकती है।
फैटी लीवर के कारण 
CAUSE OF FATTY LIVER

1) आहारशैली:–अगर आहार में अधिक सैचुरेटेड चर्बी(फैट), मिठाई, और अधिक मात्रा में कैलरी का सेवन फैटी लीवर की समस्या में योगदान कर सकती है।

2)मोटापा:– शरीर का अधिक वजन, खास कर पेट के आस पास जमा चर्बी फैटी लीवर के खतरे को बढाती है।

3)इंसुलिन प्रतिरोधक:– इंसुलिन प्रतिरोधक और उपायुक्ती  फैटी लीवर में चर्बी का संचय करने में सलग्न हो सकता है।

4)टाईप 2 मधुमेह:– टाईप 2 डायबिटीज बुरे तरीके से फैटी लीवर के विकास को बढ़ावा दे सकती है।

5)शराब की मात्रा:– अत्यधिक मात्रा में शराब का सेवन करने के कारण अल्कोहोलिक फैटी लिवर की समस्या होती है।

6) अनुवंशीक कारण :–अनुवंशीक कारण भी फैटी लिवर के प्रति अधिक संवेदनशील बनाने में प्रमुख भूमिका निभा सकते है ।

फैटी लिवर के लक्षण 
FATTY LIVER SYMPTOM

आजकल की तनावभरी और व्यस्थ जीवनशैली और अनुचित आहार के परिणाम स्वरूप फैटी लिवर की समस्या आम हो चुकी है। ये एक कलेजे से जुडी समस्या है जिस में लिवर में अधिक मात्रा में चर्बी जमा हो जाती है। इस समस्या की पहचान के लिए निम्नलिखित लक्षण हो सकते है।  

1)थकान और आलस:– आगर हमे अक्सर थकान ,आलस और ऊब महसूस होती है। इसे हल्के में ना ले ये एक संकेत हो सकता है की लिवर ठीक तरीके से काम नहीं कर रहा है।फैटी लिवर के कारण शरीर के उपरी हिस्से में तकलीफ हो सकती है।

2)पेट मे दर्द :– पेट में दर्द फैटी लिवर की समस्या का एक लक्षण है।ये दर्द खासकर पेट के डाऐ तरफ होता है और कई बार तकलीफदायक हो सकता है।

3) वजन में बदलाव:– अचानक से वजन में बदलाव होना भी फैटी लिवर के समस्या का एक लक्षण है।यदी बिना किसी कारण से वजन कम हो रहा है। तो इसे नजरंदाज बिल्कुल ना करे। ये आगे चलकर काफी खरतनाक हो सकता है।

4) नाखून और त्वाचा में समस्या:– फैटी लिवर के कारण त्वाचा पर खुजली और सूजन की समस्या हो सकती है ।साथ ही नाखून में पीलापन दिखाई देगा।

5)  चक्कर आना:–फैटी लिवर के बढ़ते चरण में मरीज को बार बार चक्कर आने की समस्या से सामना करना पड़ सकता है।

6) आंतो में समस्या:– फैटी लिवर से परेशान व्यक्ति के आंतो में समस्या हो सकती है जैसे कब्ज एसीडीटी, गैस और पेट दर्द की समस्या ।

यदी किसी भी व्यक्ति को ये लक्षण महसूस हो रहे है। तो इसे अनदेखा न करे जल्द से जल्द डॉक्टर से परामर्श करे  फैटी लिवर की समस्या को सही समय पर पहचान कर और सही इलाज पाकर इस समस्या से निजात पाई जा सकता है।


फैटी लिवर का ट्रिटमेंट
TREATMENT OF FATTY LIVER 

आजकल की अस्वस्थ और व्यस्त जीवनशैली के कारण फैटी लिवर एक आम समस्या बन गई है। इस समस्या के कारण लिवर की कोशिकाएं अधिक चर्बी से भर जाती है। लेकिन इस समस्या को सही ट्रीटमेंट से रोका और ठीक कीया जा सकता है । 

1) स्वास्थपूर्ण आहार:– फैटी लिवर के ट्रीटमेंट का सबसे महत्त्वपूर्ण चरण है स्वास्थपूर्ण आहार।हमे अपने आहार में बलपुरक पदार्थ, सब्जियां, फल, पूर्ण अनाज, और स्वस्थ फैट शामिल करना चाहिए 

2) व्यायाम:– नियमित शारीरिक गतिविधि और व्यायाम फैटी लिवर के ट्रिटमेंट में मदत कर सकता है। ये लिवर की सेहत को सुधारने में मदत करता है और वजन को नियंत्रण में रखने में सहायता करता है।

3) दवाओ का सेवन :–गंभीर मामले में डॉक्टर दवाई खाने की सलाह देते है जो फैटी लिवर की समस्या को बढ़ने से रोकती है और ठीक करने में मदद करती है।

4) शराब:– अगर कोई फैटी लिवर की समस्या से पीड़ित है तो उसे अल्कोहोल (शराब) का सेवन बिलकुल बंद कर देना चाहिए। अल्कोहोल फैटी लिवर की स्थिथी को और बिगाड़ सकता है 

5) नियमित चेकअप:–फैटी लिवर के ट्रीटमेंट के दौरान मरीज को नियमीतता से डॉक्टर से चेकअप आवश्य करवाना चाहिए।इस से सम्पूर्ण समस्या और शरीर का निरीक्षण होगा और सही ट्रीटमेंट कीया जायेगा। 

फैटी लिवर की समस्या का ट्रीटमेंट संयम और समय की मांग करता है।लेकिन सही दिशा में सही कदम बढ़ाकर हम इस समस्या को रोक सक सकते है। यदी हमे फैटी लिवर के लक्षण महसूस हो तो बिना देर किए डॉक्टर से परामर्श करे और आवश्यक ट्रीटमेंट ले यह बहुत महत्त्वेपूर्ण है।


फैटी लिवर रिकवरी टाईम 
FATTY LIVER RECOVERY TIME 

फैटी लिवर की रिकवरी टाईम मरीज के स्वास्थ के स्तर ,समस्या की गंभीरता,और मरीज के आयु के आधार पर अलग अलग हो सकता है सामान्यता फैटी लिवर की समस्या को कंट्रोल में आने में कुछ सप्ताह से लेकर कुछ महीने का समय लग सकता है। 

यहाँ कुछ टिप्स हैं जो फैटी लिवर की रिकवरी को बढ़ावा देने में मदद कर सकते है।

1) स्वस्थ खानपान:– स्वास्थ आहार और खानपान से लिवर को सही मात्रा में पोषण प्राप्त होता है और बढ़ती चर्बी को रोकने में मदत मिलती है।

2)नियमित व्यायाम:–नियमित व्यायाम करने से शरीर में जमी ना जरूरी चर्बी कम होती है और लिवर की सेहत में सुधार आता है ।

3)नियत्रीत वजन :–वजन को नियत्रित और सयमीत रखने से लिवर पर कम दबाव पड़ता है और लिवर के स्वास्थ में सुधार होता है। 

4) दवाओ का सेवन:–गंभीर मामले में डॉक्टर दवाई का सेवन करने की सलाह देते है जो मरीज को करनी चाहिए इस से समस्या का समाधान तेजी से होगा ।

5)जरूरी निरीक्षण और परीक्षण:– अपने चिकित्सक (डॉक्टर) से संवाद करके अपनी समस्या की गंभीरता का निरीक्षण जरूर करे आवश्यक परीक्षण की जरूरत हो तो उसे भी करे और इनके आधार पर सही ट्रीटमेंट ले।


फैटी लीवर में चावल खाना चाहिए ? 
IN FATTY LIVER SHOULD EAT RICE ?

इस भागदौड़ और तनावभारी जिंदगी और जीवनशैली के चलते फैटी लिवर की समस्या बढ़ रही है। कई लोगो के मन में ये सवाल उठता है कि क्या फैटी लिवर की समस्या में चावल का सेवन करना चाहिए या नहीं? इस सवाल का जवाब जानने से पहले हमे देखना होगा की फैटी लिवर क्या होता है और इस के लिए क्या आहारीक सलाह होती है।

फैटी लिवर क्या है? 
फैटी लिवर एक स्वास्थ समस्या है जो नाम के मुताबिक लिवर की कोशिकाएं ज्यादा मात्रा में चर्बी से भर जाती है। ये समस्या खासकर उन लोगो को टारगेट करती है जिनकी जीवनशैली अस्वस्थ और आहार असंतुलित है।

फैटी लिवर की समस्या पर चावल का प्रभाव?
अब जानते है के फैटी लिवर की समस्या में चावल का क्या प्रभाव पड़ता है।चावल एक प्रमुख अनाज है जो हम में से कइयों के आहार का प्रमुख हिस्सा है।चावल काफी सारे और अच्छी मात्रा में कार्बोहाइड्रेट प्रदान करता है जिनका सही मात्रा में सेवन स्वास्थ के लिए आवश्यक और लाभदायक होता है।

क्या फैटी लीवर में चावल खाना सुरक्षित है?
फैटी लिवर की समस्या में चावल के सेवन पर विशेषज्ञों की अलग अलग राय है। कुछ का यह मानना है कि फैटी एसिड में स्टार्च की मात्रा को सीमित करना चाहिए जिसमे चावल भी शामिल है। उनका सुझाव है कि फैटी एसिड के मरीजों को अन्य अनाज और दूसरे पूर्ण अनाज का सेवन करना चाहिए जो लिवर के स्वास्थ के लिए बेहतर हो सकता है लेकिन चावल का सेवन कितनी मात्रा में करे या पुरी तरह से बंद करे इस बात पर अभी भी कोई नतीजा नहीं निकल सका है।ना ही इस बात की कोई पुष्टि हुई है।

अगर कोई व्यक्ति फैटी  लिवर की समस्या से पीड़ित है, तो उसे डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए की चावल का सेवन करे या नही और करे तो कितनी मात्रा में और कैसे करना चाहिए।सही आहार और स्वास्थ जीवशैली के साथ फैटी लिवर की समस्या को रोक और नियंत्रित कर सकते है 

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