घी
घी
क्या आप जानते है। लगभग हर रसोई में उपस्थित घी एक आवश्यक खाद्य पदार्थ है। जिसके सेवन से हम कई स्वास्थ लाभ प्राप्त कर सकते है।
घी जिसे भारतीय रसोई की महकती हुवी राजकुमारी कहा जाता है। ये न केवल आहार को स्वादिष्ट बनती है। बल्कि इसमें सेहत के लाभ से जुड़े कई महत्त्वपूर्णे तत्व गुण भी पाए जाते है।
इस आर्टिकल में हम आपके सामने पेश करेगे घी के बारे में कुछ रोचक जानकारी, घी के फायदे, और घी का सही उपयोग तो चलिए चलते है घी के इस स्वास्थवर्धक सफर पर और जानते है घी कैसे हमारे जीवन को सुखमय बना सकता है।
घी खाने के फायदे
रसोई में खाने की महक और मिठाइयों के मिठास की छाया बिखरती है।इन सब के पीछे प्राचीन काल से इस्तमाल किए जाने वाले मसाले और कुछ पदार्थ है। इन्ही में से एक पदार्थ है घी जो न केवल खाने को स्वादिष्ट बनता है बल्कि इसके सेवन से सेहत को अनगिनत लाभ प्राप्त होते है।
1) अतरंगी रोगों से बचाव :– घी में एंटीऑक्सीडेट और विटामिन डी की भरपूर मात्रा होती है।जिस से हमारी प्रतिरक्षा प्राणली मजबूत बनती है। जिस से हमे अंतरिक रोगों से बचे रहने में मदद मिलती है।
2)हृदय स्वास्थ :– यदी कोई व्यक्ति हृदय की चिंता करता है तो घी उन सब लोगो के लिए एक जबरदस्त विकल्प हो सकता है। इसमें पायेजाने वाले गुड फैट्स चर्बी के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते है। और हृदय के स्वास्थ को सुधारते है।
3) ऊर्जा का सोर्स घी :– घी में पाए जाने वाले उच्च क्वालिटी के सत्तत्व हमे दिनभर के कार्यो के लिए जरूरी ऊर्जा प्रदान करते है। घी का सेवन हमारे शरीर को चुस्त दुरुस्त और तंदुरुस्त रखता है।जिस कारण हमारे दिनचर्या और कामकाज में सुधार आता है।
4) अंतरिक शांती:– घी में मोजूद गुणसूत्र हमारे मानसिक स्तिथि को सुधारते है साथ ही तनाव को कम करके मस्तक को शांत करते मानसिक शान्ती को बढ़ावा देते है जिस कारण हमे मानसिक शान्ती और स्थिरता प्राप्त होती है।
हमने अभी घी के कुछ महत्त्वपूर्ण फायदों के बारे में जाना लेकिन ये सिर्फ जानकारी देने के उद्देश से है।अगर कोई पहले से किसी मेडिकल कंडीशन से गुजर रहा है तो डॉक्टर की सलाह से ही घी का सेवन और मात्रा बढ़ाए या कम करे।
घी खाने से वजन बढ़ता है ?
हमने अक्सर सुना है और ये काफी लोगो की धरना भी है की घी बढ़े हुवे वजन का कारण हो सकता है। या घी के आती सेवन से वजन बढ़ सकता है। तो चलिए जानते है ये सिर्फ एक मिथ है या हकीकत
1) घी के तत्वों का परीक्षण :– घी में पाए जाने वाला गुड फैट , प्रोटीन, और विटामिन डी हमारे शारीरिक विकास में महत्त्वेपूर्ण भूमिका निभाते है। लेकिन ये सारे तत्व वजन बढ़ने के लिए अकेला कारण नही है।
2) संतुलित आहार और व्यायाम की जरूरत :– वजन बढ़ने के काफी सारे भिन्न कारण हो सकते है। नियमित आहार में अधिक कैलरी होना या दिनभर बैठ कर काम करना और शारीरिक गतिविधि की कमी जैसे कारण होते है। वजन नियंत्रित रखने के लिए हमे संतुलित आहार और नियमित व्यायाम की आवश्यकता होती है।
3) अनुपस्थिति के कारण :– यदी शरीर में किसी तत्त्वे की अनुपस्थिति हो या जरूरत से ज्यादा मात्रा कम हो तो वजन बढ़ सकता है। ऐसी स्तिथी में डॉक्टर से परामर्श लेना बेहद जरूरी हो जाता है।
4) आत्म_ संयम :– घी के सेवन में संतुलित मात्रा के साथ सयंम बनाए रखना महत्त्वपूर्ण है। अधिक मात्रा में घी खाने से वजन बढ़ सकता है।
इन बातो से पता चलता है की घी का सेवन वजन बढ़ता है लेकिन संतुलित मात्रा में घी का सेवन बिलकुल भी वजन नही बढ़ता साथ ही संतुलित आहार और स्वास्थ जीवनशैली की आवश्यकता होती है।वजन नियंत्रण में घी का सायमीत और मात्रात्मक सेवन हमारे स्वास्थ और सेहत को नुकसान नहीं पोहचाता।
दूध में घी मिलाकर पीने के नुकसान
विश्वभर में दूध और घी दोनो को सेहत के लिए स्वस्थ पदार्थ माने जाते है। हमारे साहित्य, संस्कृति, और आयुर्वेद में दूध और घी की तुलना अमृत से की जाती है।लेकिन क्या कभी सोचा है दूध में घी मिला कर पीने से नुकसान भी हो सकते है।
पाचन संबंधी समस्या :– दूध और घी दोनो ही दैनंदिन आहार में महत्त्वपूर्ण स्त्रोत है।लेकिन कई बार दूध में घी मिलाने से पाचन संबंधीत समस्याएं उत्पन्न हो सकती है।अधिक ग्रास और वसा युक्त आहार का ग्रहण करने से पाचन प्रणाली पर नकारत्मक प्रभाव पड़ता है।
अधिक कैलरी:– दूध में घी को मिलना हमारे आहार में अधिक कैलरी की मात्रा प्रदान कर सकता है।जिसके परिणाम वजन का बढ़ना हो सकता है।यदी कोई वजन कम करने के लिए कोशिश कर रहा है।तो ध्यान देने की आवश्यकता है।
लैक्टोज अनुसंधान :– लक्तोज अनुसंधान प्रक्रिया में समस्या होने पर दूध में घी मिलने से हमे अधिक नकारत्मक समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
संतुष्टि की भावना :– घी का सेवन मन में संतुष्टि की भावना निर्माण करता है जो हमे अधिक घी का सेवन करने पर प्रोत्साहित करता है। जिस से हम दूध में जरूरत से ज्यादा मात्रा में घी मिलाकर पिने की आवश्यकता महसूस करा सकता है।
दूध में घी मिलाकर पीने से कुछ नुकसान का सामना करना पड़ सकता है लेकिन उचित मात्रा में दूध में घी मिलाकर पिया जाए और इसे स्वास्थ के जरूरतों के हिसाब से सेवन किया जाय तो हम इस से काफी ज्यादा लाभ उठा सकते है।
चहरे पर घी लगाने के नुकसान
1) अक्ने और ब्लैकहेड:– चहरे पर जरूरत से ज्यादा मात्रा में घी का इस्तेमाल करने से अक्ने और ब्लैकहेड की समस्या बढ़ सकती है। यह त्वचा की मासपेशियों के अंतरिक प्रवाह को बाधित कर सकता है साथ ही त्वचा के रोगों का कारण भी बन सकता है।
2) त्वचा की पोर्स को बंद कर सकता है:– घी का अधिक मात्रा में सेवन करने से चहरे के पोर्स बंद हो सकते है।जो त्वचा की कई भिन्न परेशानी को जन्म दे सकते है। और त्वचा पर समस्याएं बढ़ सकती है।
3) रंगत में परिवर्तन :– त्वचा पर घी के अधिक इस्तेमाल से त्वचा की रंगत में परिवर्तन हो सकता है।
जिस समस्या में त्वचा का रंग सांवला या कला पड़ता है जैसे धूप हमारे त्वचा के रंग पर असर डालती है उसी प्रकार से घी भी नकारात्मक असर डालता है
4) एलर्जी :– कुछ लोगो को घी के इस्तेमाल से एलर्जी या त्वचा सबंधीत समस्या का सामना करना पड़ सकता है।जिस कारण त्वचा पर घी लगाने से ज्यादा नुकसान हो सकता है।
चेहरे पर घी लगाने से होने वाले नुकसान को देखकर त्वचा की स्वतंत्रता से देखभाल करना महत्वपूर्ण है। यदि आप त्वचा की देखभाल करना चाहते हैं, तो सही तरीके से सावधानी बरतें और विशेषज्ञ की सलाह लें।
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