कोलेस्ट्रॉल कम करने का रामबाण इलाज
कोलेस्ट्रॉल
cholesterol
सेहत एक अनमोल खजाना है जिसे हम निर्मित रूप से ज्यादा महत्वे नहीं देते लेकिन यदि स्वास्थ से जुडी कोई समस्या शुरू हो तब इस अनमोल खजाने का महत्व और इसकी देखभाल की जरुरत समज में आती है। भिन्न तत्व और पदार्थ से मिलकर स्वास्थ को सुरक्षीत और मजबूत बनाने में मदद करते है साथ ही अनुशाशन , जीवनशैली , और आहार भी प्रमुख भुमीका निभाते है। कोलेस्ट्रॉल एक ऐसा तत्व है जिसे हम हमेशा अनदेखा करते है। जिसका शरीर में प्रमाण हमारे स्वस्थ से जुड़े कुछ समस्या में अहम् भूमिका निभाता है।इस आर्टिकल में कोलेस्ट्रॉल और उस से होने वाले प्रभाव के बारे में जानेगे।
कोलेस्ट्रॉल क्या है ?
What Is Cholesterol
कोलेस्ट्रॉल हमारे शरीर में मौजूद तत्व में से एक महत्वपूर्ण और जरूरी तत्व है। कोलेस्ट्रॉल एक प्रकार की वसा है जो शारीरिक विकास में अहम् भूमिका निभाता है जैसे शरीर में और खून में मौजूद पेशी (सेल) के लिए कोलेस्ट्रॉल ऊर्जा का एक प्रमुख सोर्स है साथ ही ये नयी पेशी (सेल) के निर्माण में लाभदायक है। कोलेस्ट्रॉल अगर शरीर में उचित मात्रा में हो तो किसी वरदान से कम नहीं । पर अगर जरुरत से ज्यादा मात्रा में कोलेस्ट्रॉल शरीर में जमा हो जाए तो ये चिन्ता की बात हो सकती है।
कोलेस्ट्रॉल के प्रकार
Types Of Cholesterol
कोलेस्ट्रोल सामन्यतः दो प्रकार में बाटा गया है।
1} लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन (LDP)
इस कोलेस्ट्रोल का साथ शरीर में बढ़ जय तो इस से धड़कनो से जुडी नसे बंद हो सकती है। इस के साथ ही हृदय से जुड़े रोगो का खतरा बढ़ सकता है। इन कारनो के कारन इस कोलेस्ट्रोल को बुरा कोलेस्ट्रोल कहा जाता है।
2) हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन (HDL)
यह कोलेस्ट्रॉल शरीर के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। ये कोलेस्ट्रोल लोडेड लिपोप्रोटीन को शरीर से बाहर निकलता है जिस कारन हृदय सम्बन्धित बीमारियों का खतरा कम होता है। इसी लिए इसे गुड कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है।
कोलेस्ट्रॉल सामान्यतः हमारे दैनंदिन जीवन के आहार का हिस्सा होते है जैसे दूध और दूध के पदार्थ , मास मछली, अंडे आदि। कोलेस्ट्रॉल की अधिक मात्रा हृदय सम्बन्धित समस्या का कारण बन सकती है और हृदय पर अपना नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है जिस से हमें गंभीर समस्या का सामना करना पड़ सकता है। इसी लिए सही समय पर चेकअप स्वस्थ और उचित आहार और स्वस्थ जीवनशैली अत्यंन्त महत्वपूर्ण है।
कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के लक्षण
Symptoms Of Increased Cholesterol
हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ के लिए स्वस्थ जीवनशैली और उचीत आहार काफी जरूरी है। शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ जाती है तो ये काफी सारे सेहत से जुडी समस्या का कारन बन सकती है। कोलेस्ट्रॉल एक वसा है जिसकी नियत्रित मात्रा शरीर के लिए किसी वरदान से कम नहीं लेकिन जब इसकी मात्रा जरुरत से अधिक हो जाय तो ये शरीर के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकती है।
1) हृदय से जुडी समस्या :- कोलेस्ट्रॉल का जरुरत से ज्यादा प्रमाण अगर शरीर में हो तो हृदय से सम्बन्धित रोगो का खतरा बढ़ जाता है। सास लेने में तकलीफ साथ ही दिल की धड़कन बढ़ जाना और छाती में दर्द की समस्या हृदय से सम्बन्धित रोगो के लक्षण है
2) उच्च रक्तचाप :- ज्यादा मात्रा में कोलेस्ट्रॉल रक्तचाप को बढ़ा सकता है। बढे हुवे रक्तचाप के कारन सीने में दर्द और अनियमित दिल की धड़कनो की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
3) मोटापा :- जरुरत से ज्यादा कोलेस्ट्रॉल हमेशा मोटापे की समस्या को न्योता देता है। इस सामस्य में शरीर में फैट जमा होने का कारन अधिक कोलेस्ट्रॉल होता है। जिस से शरीर की आकृति बदल सकती है
4) कमजोरी और थकन :- अधिक मात्रा में कोलेस्ट्रॉल शरीर में ऊर्जा की कमी का कारन बनता है। जिस से जल्दी थकन और कमजोरी का अहसास होता है।
कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के लक्षण को बिलकुल भी नजरअंदाज न करे साथ ही सही इलाज और आदतों को अपनाना हमारे सेहत को बेहतर बना सकता है।
कोलेस्ट्रॉल कितना होना चाहिए
How Much Cholesterol Should Be
1) लो डेसिल लिपोप्रोटीन (LDL) :- LDL को बुरा कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है। इसका हमारे शरीर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है इसी लिए इस कोलेस्ट्रॉल को कम होना चाहिए। इस कोलेस्ट्रॉल की शरीर में मात्रा 100 मिलीग्राम प्रति डेसिलिटर से कम होनी चाहिए।
2) हाई डेसिल लिपोप्रोटीन (HDL) :- HDL को गुड कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है। इसका शरीर पर बिलकुल भी नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता इसी लिए इस कोलेस्ट्रॉल की मात्रा शरीर में अधिक होनी चाहिए। इसकी शरीर में मात्रा 40मिलीग्राम प्रति डेसिलिटर से अधिक होनी चाहिए।
कुल मिलाकर कोलेस्ट्रॉल की मात्रा 200 मिलीग्राम प्रति डेसिलिटर से कम होनी चाहिए
कोलेस्ट्रॉल कम करने का रामबाण इलाज
Panacea to Reduce cholesterol
कोलेस्ट्रॉल कण्ट्रोल में रखना और बढ़ा हुवा कोलेस्ट्रॉल कम करना स्वस्थ जीवन के लिए महत्वपूर्ण है। बढे हुवे कोलेस्ट्रॉल के कारन हृदय रोग और अन्य हृदय से जुडी समस्या हो सकती है। हम आगे जानेगे कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण कैसे करे
1) स्वस्थ आहार :- कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए और कंट्रोल में रखने के लिए स्वस्थ और पोषक आहार सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। नियमित आहार में अंडे , दूध के उत्पाद , और मांस की मात्रा सीमित रखे
2) लोह और अल्फ़ा - लिपोइक एसिड :- जैतून का तेल , अखरोड और सेबूतामोल अल्फ़ा-लिपोइक एसिड के बहेतरीन सोर्स है। जो कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम करने में मदद करते है। लोह का वितमिन भी कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है।
3)नियमित व्यायम :- चलना, दौड़ना , योगा, शारीरिक गतिविधीया और व्यायाम शारीरिक स्वास्थ को बेहतर बनाने में मदद करता है। साथ ही बढे हुवे कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायता करता है।
4)स्थिर और सरल जीवनशैली :- तम्बाखू , सिगरेट और अत्यधिक शररब का सेवन भी कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में अहम् भूमिका निभाते है। इन सभी चीजों का सेवन सीमित मात्रा में करे या पूरी तरह से बंद करना कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम करने में काफी ज्यादा सहायता कर सकता है। यदि कोई व्यक्ति कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को नियमित रूप से नियंत्रित रखना चाहता है तो सिगरेट तम्बाखू और शराब को पूरी तरह से बंद करे
5)नियमित चेक अप :- नियमित रूप से डॉक्टर से चेकअप और सही सलाह का पालन करना बेहद जरूरी है। डॉक्टर ने दी दवाइया और निर्देशों का पालन करे और अपने स्वास्थ का संतुलन बनाय रखे
कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रण में रखना और कम करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस आर्टिकल में दिए गये उपाय का इस्तेमाल करके हम अपने बढ़ते या बढे हुवे कोलेस्ट्रॉल को कम कर कर खुशहाल और स्वस्थ जीवन जी सकते है। लेकिन किसी व्यक्ति को पहले से ही कोई शारीरिक समस्या है तो किसी भी निर्देश का पलायन करने से पहले एक बार डॉक्टर की सलाह जरूर ले
नोट :- ये लेख केवल जानकारी प्रदान करने के हेतु से है। अगर किसी व्यक्ति की स्तिथी ज्यादा गंभीर है तो डॉक्टर से परामर्श अवश्य करे और सम्पूर्ण इलाज और सुचना का पालन अवश्य करे
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