ANXIETY DISORDER चिंता विकार
ANXIETY DISORDER
चिंता विकार
इंसान की जिंदगी तब तक ज्यादा खूबसूरत थी जब तक वो कच्चे मकानों में रहता था मटके का पानी पिता था। सब के साथ घुल मिल कर अपने सुख दुःख बाटता था। लेकिन जैसे जैसे इंसान तरक्की की राह पर बढ़ता चला वैसे वैसे इनसान अपनी मानसिक और शारीरिक सेहत के साथ खिलवाड़ करता चला आ रहा है।
आज कल के व्यस्त जीवन में हम में से हर एक व्यक्ति ने तनाव ,चिन्ता , उदासी , अकेलापन जैसी मानसिक समस्या का सामना किया होगा और कई सारे लोग इन समस्या से जूझ रहे है। लेकिन कई बार ये सारी समस्या और चिंताए सामान्य होती है। जो समय के साथ धीरे धीरे खुद-ब -खुद ठीक हो जाती है।
आज हम इस लेख में ऐसी ही एक मानसिक समस्या के बारे में जानेगे जिसे अंगरेजी में ANXIETY और हिंदी में चिंता कहते है। चिंता एक ऐसी मानसिक समस्या है जो काफी मामूली सी लगती है। लेकिन इस समस्या का मरीज पर गंभीर और गहरा असर पड़ता है। कई लोगो में चिंता का स्तर इतना बढ़ जाता है। जिसका मानसिक स्वास्थ पर गहरा असर पड़ता है। इसी मानसिक स्तिथी को "चिंता विकार"{Anxiety Disorder} के नाम से जाना जाता है।
चिंता विकार क्या है
चिंता विकार {Anxiety Disorder} एक मानसिक स्वस्थ से जुडी समस्या है। जिसमे निरंतर चिंता ,घबराहट ,और उत्सुकता का अहसास होता है। जिससे उनकी नियमित दिनचर्या ,जीवन गुजारने की क्षमता ,और शारीरीक स्वस्थ पर गहरा असर पड़ता है। और मरीज को समज नहीं आता के उस के साथ क्या हो रहा है। चिंता विकार {Anxiety Disorder}की समस्या सही उपचार और मार्गदर्शन के बिना लम्बे समय तक बनी रह सकती है जिस कारन मरीज को अकेलापन दुःख और अन्य समस्या का सामना करना पड़ता है।
ANXIETY DISORDER SYMPTOMS
चिंता रोग के लक्षण
आज के इस चुनौतीपूर्ण और तनावपूर्ण जीवन के दौर में चिंता और तनाव का सामना करना अधिकांश लोगो के जीवन का अटूट हिस्सा बन चूका है। लेकिन ये तनाव और चिन्ता बिना वजह बढ़ती जा रहीे है। तो इसका मतलब ये चिंता और तनाव मनसीक स्वस्थ पर गहरा और नकारत्मक असर डाल रही है।
चिंता विकार {Anxiety Disorder}के लक्षण को जान कर हम इस निष्कर्ष पर पहोच सकते है के क्या कारन है जो हमें और हमारे मानसिक स्वास्थ को प्रभावित कर रहा है। चिंता विकार {Anxiety Disorder} के लक्षण हर व्यक्ति में अलग अलग हो सकते है। लेकिन कुछ चिंता विकार {Anxiety Disorder} के लक्षण होते है जिसे समय रहते पहचान कर उपचार शुरू करना महत्वपूर्ण है।
1) निरंतर चिन्ता और घबराहट :- व्यक्ति को निरंतर चिंता और घबराहट का अहसास होता रहता है। जिस से मानसिक स्वास्थ और नियमित दिनचर्या पर गहरा असर पड़ सकता है।
2) नींद की समस्या :- चिंता विकार {Anxiety Disorder} के ज्यादातर मरीजों में नींद की समस्या पायी जाती है। चिंता के कारन न ही अच्छे से सो पाते है और ना ही जरूरी मात्रा में शरीर को आराम दे पाते है।
3) स्वस्थ समस्या :- चिंता विकार {Anxiety Disorder} की समस्या में कुछ शारीरिक समस्या का सामना करना पड़ सकता है। जैसे दिल की उच्च धड़कन , ज्यादा पसीना आना , तेज सास लेने की जरुरत आदि। ....
4) आत्म मौन :- इस समस्या में पीड़ित व्यक्ति अपने विचारो और भावनाओ को दुसरो से छिपता है या यु कहे की अपने मन की बात खुल कर कहने में अपने आप को असमर्थ पता है।
5) मानसिक संकुचन :- चिंता विकार {Anxiety Disorder} मरीजों को अक्सर सामजिक और पब्लिक परिस्थितीयों से नजरे चुराते देखा जाता है। ये लोगो से मिलने या सामजिक घटनाओ में भाग लेने से हिचकिचाते है।
6) आत्महत्या का विचार :- चिंता विकार {Anxiety Disorder} ज्यादा हो जाये तो मरीज आत्महत्या का विचार करने लग जाता है। ऐसे स्तिथी में जल्द से जल्द मानसिक विशेषज्ञ की सलाह लेना और उपचार शुरू करना आवश्यक हो जाता है।
7) शारीरिक सेहत :- चिंता विकार {Anxiety Disorder} के रोगियों में उच्च रक्तपाच , दिल की समस्या जैसी अन्य शारीरिक समस्या ज्यादा देखी जाती है।
इन सभी लक्षणों को समय रहते पहचान ना और समय रहते उचित उपचार शुरू करना मानसिक स्वस्थ के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। साथ ही विशेषज्ञ की सलाह लेना भी जरूरी है।
TYPES OF ANXIETY DISORDER
चिंता रोग के प्रकार
चिंता विकार {Anxiety Disorder} एक व्यापक समस्या है। जिसमे अनेक मानसिक स्वस्थ समस्या शामिल हो सकती है। ये अलग अलग प्रकार की चिंता विकसर की समस्या शामिल हो सकती है। जो मरीज की व्यक्तिगत विचार, जीवनशैली और भावनाओ पर गहरा प्रभाव डाल सकते है।
1)सामन्य चिंता विकार GENERALIZED ANXIETY DISORDER:-
सामन्य चिंता विकार {GENERALIZED ANXIETY DISORDER} एक मानसिक स्वास्थ समस्या है जिसमे व्यक्ति को निरंतर घबराहट ,उत्सुकता और चिंता का अहसास होता है। इस समस्या के ज्यादातर मरीज अपनी अपेक्षा और उमीदे अधिक उच्च रखते है। साथ ही इन्हे जीवन के हर क्षेत्र में अधिक चिंता का सामना करना पड़ सकता है। ये विकार मरीज की निर्णय लेने की क्षमता और सोचने की क्षमता को प्रभवित करते है। जिस से स्वाभाविक आत्मविश्वाश की कमी महसूस होती है।
2) समाजिय चिंता विकार (SOCIAL ANXIETY DISORDER) :-
समाजिय चिंता विकार (SOCIAL ANXIETY DISORDER) भी एक मानसिक स्वास्थ समस्या है। जिसमे मरीज को सामाजिक या लोगो के बिच में संवाद ,लोगो के साथ घुलना मिलना , या किसी समारोह में शामिल होने में अत्यधिक घबराहट या आती उत्सुकता महसूस होती है। इस समस्या से पीड़ित मरीज को संवास करने में असमर्थता या आत्म-संवाद की भावना हो सकती है। जिस कारन मरीज सामाजिक जीवन में निष्क्रिय रह सकते है।
3) घातक चिंता विकार (PANIC DISORDER) :-
ये भी एक घातक मानसिक रोग स्वास्थ समस्या है। जिसमे मरीज को अचानक घबराहट, डर , और अकेलेपन का अहसास होता है। साथ ही कुछ शारीरिक समस्या के लक्षण भी हो सकते है। ये नियमित जीवन में चिंता का नियमित पैटर्न बन जाता है। और इसका आशय बिना किसी ख़ास कारन के भी हो सकता है।
4) व्यक्तिगत चिंता विकार (SPECEFIC PHOBIAS) :-
व्यक्तिगत चिंता विकार (SPECEFIC PHOBIAS) एक किस्म की चिंता है। काफी सारे लोग इस समस्या से फोबिया नाम से परिचित होंगे जो विशेष स्तिथी ,स्थान या वस्तु से डर का आभास महसूस कराती है। इसी कारन व्यक्ति को इन विशेष वस्तु ,स्तिथी या स्थान से दूरी बनाय रखने की इच्छा होती है। लेकिन मरीज अगर किसी तरह उन वस्तु ,स्तिथी या स्थान के संपर्क में आ जाये तो उन्हें अत्यधिक घबराहट और भय का आभास हो सकता है।
ANXIETY DISORDER TREATMENT
चिंता विकार का उपचार
चिंता विकार {Anxiety Disorder} का ट्रीटमेंट मरीज के लक्षण , उम्र , सामाजिक परिस्तिथी और हावभाव के आधार पर किया जाता है। ट्रीटमेंट हमेशा बातचीत और छोटी मुलाकात से शुरू होती है। अगर जरुरत हो तो दवाइयों का सहारा भी लिया जा सकता है।
1)विचार प्रबंधन और ध्यान :- विचार प्रबंधन और ध्यान की तकनीकों का अभ्यास चिंता विकार {Anxiety Disorder}के समस्या को कम करने में सहायता कर सकती है। साथ ही शारीरिक और मानसिक राहत प्रदान करने में सहायता करती है।
2)व्यायाम और उत्तम आहार :- नियमित शारीरक गतिविधिया और व्यायाम साथ ही उत्तम आहार का नियमित सेवन चिंता और घबराहट को कम करता है साथ ही कॉन्फिडन्स पुनः प्राप्त करने में मदद कर सकता है।
3) विचारशैली और सचाई :- चिंता विकार अक्सर मरीज के विचारो को अत्यधिक तरीके से सोचने के कारन होता है। विचार करने की क्षमता और सचाई को स्वीकार करने से यह समस्या कम होती है।
4) दवाइया :- विशेषज्ञ हमेशा जरुरत के हिसाब से दवाइयों की सलाह देते है। यह आमतौर पर शारीरिक और मानसिक लक्षणों को नियंत्रित करने में सहायता प्रदान करता है।
5)विशेषज्ञ से सलाह :- एक मानसिक स्वास्थ विशेषज्ञ मरीज की चिंता और परिस्तिथि का निरिक्षण कर के समस्या को समझने में मदद करता है। साथ ही सही उपचार की सलाह देते है और यही मार्गदर्शन से मरीज को समस्या से मुक्ति दिलाने में सहायक की भूमिका निभाती है।
WHAT IS ANXIETY DISORDER
चिंता रोग के प्रकार
चिंता विकार {Anxiety Disorder} मानसिक स्वास्थ समस्या है। जिसमे मरीज को ज्यादा चिंता , ज्यादा घबराहट और अधिक उत्सुकता का अहसास होता है। जिस से सामाजिक , व्यक्तिगत, व्यावसायिक साथ ही दैनंदिन जीवन में नियमित गतिविधीया प्रभावित होती है। ये एक सामन्य लक्षण है जो चिंता विकार {Anxiety Disorder} के विभिन्न प्रकार में से किसी एक प्रकार के लक्षण हो सकते है। जैसे सामाजिक चिंता विकार ,अधिक चिंता विकार आदि
घबराहट ,तनाव ,उत्सुकता, अधिक चिंता , शारीरिक लक्षण (जैसे धड़कन तेज होना , सास लेने में तकलीफ ,उंगलिया कप कपाना आदि ) सही से सो न पाना ,ठीक से आराम ना कर पाना ,आत्म मौन ,आत्म आलोचना आदी
यदि किसी व्यक्ति में चिंता विकार के लक्षण दिखाई दे रहे है। तो बिलकुल भी देर न करे किसी अच्छे मनोरुग्ण विशेषज्ञ से संपर्क करे जो सही उपचार और सलह प्रदान कर के मरीज के जीवन को पुनः खुशहाल बना सके ।
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