''फल और सब्जियों से जुड़े प्रचलित मिथ''

              ''फल और सब्जियों से जुड़े प्रचलित मिथ''

नमस्कार दोस्तों स्वागत है आप का 

आज की जीवन शैली में स्वस्थ आहार का अपना अलग ही महत्व है लेकिन इस के साथ साथ कई सारे मिथस भी पैदा  हो चुके है।  हमें आहार के बारे में अपनी सोच बदलने की जरुरत है। साइंस और अनुभव  के साथ सही जानकारी प्राप्त करने की जरुरत है ताकी हम स्वस्थ जीवन बीता सके। आहार के  बारे में गलत धरनाये  बन चुकी है जिस के बारे हम आज चर्चा करेंगे और सच्चाई जानने की कोशिश करेंगे  जिस कारन हमें उचित जानकारी प्राप्त होगी 


मिथ 1} सभी फल और सब्जीया ताजी होनी चाहिए। 

      एक रिसर्च में पाया गया है  कई सारे फल और सब्जिया आहार में ताजे होने के कारन से  अपनी ताजगी खो देते है। कुछ फल  और सब्जिया जैसे कीवी और अंजीर पकने के बाद ताजगी बढ़ाते है। इसी लिए हम ताजी सब्जियों के बजाये उचित तरह से पाकी हुए  फल और सब्जियों का इस्तेमाल अपने आहार में कर सकते है जो हमारे सेहत को पूर्ण  फायदा दे सके।  

मिथ 2} सिर्फ रंगीन और चमकदार  सब्जियों का सेवन  करना चाहिए 

         रंगीन फल और सब्जिया विटामिन ,मिनरल्स, फायबर, एंटीऑक्सीडेट  जैसे लाभकारी घटको से भरपूर होती है जो हमें स्वस्थ रखने में लाभकारी है।लेकिन इस का यह मतलब हरगिज नहीं है की हमे हरी और सफ़ेद सब्जियों का सेवन छोड़ देना चाहिए जबकि हरी  और सफ़ेद सब्जी और फलो में  काफी ज्यादा मात्रा में पोषक तत्व और  घटक  पाए जाते है। यदि हम केवल रंगीन और चमकदार सब्जियों के सेवन पर ही जोर देंगे तो हम  हरी और सफ़ेद जैसी अन्य प्राकृतिक फल ,सब्जियों के लाभ से वंचित हो जायेगे।  हमें सम्पूर्ण प्रकार के प्राकृतिक फल और सब्जियों का अपने आहार में सामावेश करना चाहियें। 

मिथ 3} केवल ताजे फलो का जूस  पीना चाहिए

      हमें इस बात पर कोई शक नहीं होगा की फलो का जूस  सेहत के लिया किसी वरदान से कम नहीं।  लेकिन जूस बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले  फल और सब्जिया ताजी होनी चाहिए ये सरासर गलत है कुछ फल जैसे  नीम्बू,संतरे ,मोसम्बी इन्हे हम निचोड़ कर आसानी से जूस प्राप्त कर सकते है।  फ्रूट खाने का सही महत्वे तभी है जब हम पुरे फल या सब्जी का उपयोग करे यह जूस बनाकर पिने से ज्यादा फायदेमंद है।  

मिथ 4} सब्जियों को पकाने से या उबाल ने से पोषक तत्व नष्ट हो जाते है 

       यह बात सही है के सब्जियों  को उबालने और पकाने  से कुछ मात्रा में  पोषक तत्व  खात्म हो सकते है  लेकिन पुरी  तरह से नष्ट नहीं होते  सब्जियों को पकने या उबलने से  बैक्टेरिया  मर जाते है। साथ ही सब्जियों की पाचन क्षमता बढ़ती है और कुछ खास प्रकार के विटामिन और मिनरल्स अधिक मात्रा में सक्रमित होते है।  इसी कारन हम सब्जियों को पका कर और उबाल कर खा सकते है 

मिथ 5} फलो का सेवन खाने के बाद करना चाहिए 

        फल एक सम्पूर्ण आहार है। जो हमारी भूक मिटने के साथ साथ सेहत के लिए उपयोगी  पोषक तत्व की कमी पूरी कर सकता है जिसे हम किसी भी समय खा सकते है।  लेकिन खाने के साथ में या खाने के बाद फल का सेवन करने से पाचन में  समस्या हो सकती है क्यौकी ये खाने के समय  में होने वाली रासायनिक प्रक्रिया को बाधित कर सकता है। जो स्वास्थ पर नेगेटिव प्रभाव डालता है इन्ही सब कारन के चलते  हमें  फल का सेवन खाने के बाद नहीं करना चाहिए। 


मिथ 6} गाजर का सेवन करने से त्वचा का रंग बदलता है।  

       गाजर का सेवन त्वचा का रंग बदल नहीं सकता।  रंग बदलने के लिए जिम्मेदार बीटा-कैरोटीन की अधिक मात्रा के कारन  त्वचा को सुन्दर आुर चमकदार बनने में सहायता करता है। यह पोषक तत्वे गाजर में पाया जाता है। लेकीन यह इतने अधिक मात्रा में नहीं पाया जाता है जो नियमित सेवन से त्वचा का रंग बदल सके है गाजर क्र सेवन से त्वचा को लाभ जरूर होता है लेकिन त्वचा का रंग नहीं बदल पता. 


मिथ 7} ताजे फलो के रस में  शक्कर बिल्कुल नहीं होती। 

       यह पूरी तरह से एक मिथ है। लगभग हर फल के जूस में  प्राकृतिक शक्कर मौजूद होती हैं  इसी प्राकृतिक शर्करा के कारन फल स्वाद में मीठे होते है।  यदि आप डाईबेटिस जैसे बीमारी से त्रस्त है तो आप को डॉक्टर की सलाह से ही फलो के रस का सेवन करना चाहीये। 

मिथ 8} सिर्फ ताजे फल और सब्जियों का सेवन करना चाहिए 

      यह पूर्ण पाने एक मिथ है  इसमें बिलकुल भी सच्चाई नहीं है। लगभग साड़ी सब्जिया और फल  पूर्ण रूप से पकने के बाद ही हमें पूर्ण पोषण और प्राकृतिक मिठास का  लाभ दे सकती है। इस  लिए फल और सब्जियों का तजा होने से ज्यादा जरूरी उन का पका होना है।  हम भी इस बात का ध्यान रख कर फल और सब्जियों से अधिक लाभ उठा सकते है।  

मिथ 9}  रात में फलो का सेवन करने  से वजन बढ़ता है। 

        अब तक रात  में फल का सेवन करने से वजन बढ़ने का कोई साइन्टीफिक प्रमाण नहीं मिल पाया है।  वजन बढ़ने का प्रमुख कारन हमारा पूर्ण आहार और व्यायाम या एक्टिव जीवन शैली की कम मात्रा होती है। फल प्राकृतिक ,कम कैलरी , फायबर से भरपूर होते है जिस से हमें पेट भरने के साथ साथ इन सभी गुणों का लाभ प्राप्त कर सकते है  इसी लिए हम रात  में भी  फलो का सेवन कर सकते है लेकिन खाने से पहले . खाने के बाद नहीं  और साथ  ही मात्रा का ध्यान रखना आवश्यक है। 

मिथ 10} गाजर खाने से आखो की रोशनी बढ़ती  है 

         ये सच है की गाजर आखो के लिये काफी फायेमंद होता है  क्यों की गाजर बीटा -कैरोटीन का प्राकृतिक सोर्स है जो आखो की सेहत को अच्छा रखने में मदत करता है। लेकिन सिर्फ बीटा -कैरोटीन की मदत से आखो की रोशनी बढ़ाना नामुमकिन है।  आखो की सेहत के लिए संतुलित आहार और अन्य पोषक तत्व  का सेवन भी महत्वपूर्ण है। 


 मिथ 11} फलो का सेवन बढ़ती उम्र के लक्षणों को रोकता है। 

        फलो के सेवन से वीटामिन , मिनरल्स , एंटीऑक्सीडेट , फायबर  जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में प्राप्त होते है जिस से ताजगी बनी रहती है साथ ही ये हमारे सेहत के लिए  महत्वे पूर्ण होते है। यह हमें अच्छी सेहत और  रोगो से लड़ने की क्षमता प्रदान करता  है।  लेकिन यह सरासर गलत है की फलो का सेवन बढ़ती उम्र के लक्षणों को रोकता है।  कुछ फलो का सेवन त्वचा के लिए फायदेमंद होता है लेकिन बढ़ती उम्र के लक्षणों को रोकने में यह इतना असरदार नहीं है जितना इस मिथ के चलते माना जाता है। 

        हम स्वस्थ खाने के बारे में सही जानकारी प्राप्त करके  संतुलित आहार के लिए सही निर्णय लेने की जरूरत है.  फलो और सब्जियों को अपने आहार में शामिल कर के हम उनका लाभ उठा सकते है. लेकिन सही जानकारी न होने के कारन या   मिथ्स  और गलत धारणाओं के कारन हम इन सभी लाभों से वंचित रहे जाते है 

लेकिन हर व्यक्ति की आहार प्राथमिकता और पसंद अलग अलग होती है इसी लिए हमें अपने व्यक्तिगत आहार की प्राथमिकता  और पसंद के अनुसार  अपने आहार का चुनाव करना चाहिए . हमने  इस ब्लॉग के जरिये फल सब्जियों से जुड़े कुछ मिथ की सचाई जान ने की कोशिश की  आशा करता हूँ फल और सब्जियों के बारे में यह जानकारी आप के स्वास्त के लिए लाभकारी होगी।

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